Everything about Shiv chaisa
Everything about Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब Shiv chaisa नाम कहाई॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
नित्त नेम कर प्रातः shiv chalisa in hindi ही, पाठ करौं चालीस।
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